महोबा । सड़क के फुटपाथ पर दोपहिया व तिपहिया वाहनांे ने घेर रखा है। पहले से सुकड़ी और सिमटी सड़क इसके चक्कर में और छोटी हो जा रही है, नतीजतन हर पल शहर की सड़कों में जाम की स्थिति पैदा हो रही है, हालांकि यातायात व्यवस्था को सुचारू और सुगम बनाये रखने के लिये ट्राफिक पुलिस तैनात रहती है बावजूद इसके व्यवस्था में कोई सुधार नही हो पा रहा है और नागरिक परेशान हो रहे है। नागरिक जाम की समस्या से दो चार न हो इसको लेकर तमाम तरह के जतन और कदम उठाये जा रहे है और न जाने कितने प्रयोग किये जा रहे है लेकिन असर कुछ नही हो रहा है। शहर की तमाम सड़कों पर यातायात का अधिक दबाव उनका सिकुड जाना जाम की सूरते हाल को पैदा कर रहा है।
ढाई दशक पहले महोबा जनपद तो बन गया लेकिन सड़कों का हाल आज भी तहसील स्तरीय है, उनके आकार और प्रकार में कोई बदलाव नही आया है वरन इस बीच वे आबादी का विस्तार होने से उन पर दबाव बढ़ा है और वे सिमटती, सिकुड़ती चली जा रही है। वाहनों की संख्या में इन ढाई दशकों के बीच दुगनी से तिगुनी वृद्धि हुई है। ई-रिक्शा से लेकर आॅटो रिक्शा तक की नगर में भरमार हो गयी है लेकिन इनके लिये कही कोई स्टैण्ड नही है लिहाजा सवारियों के लालच में यह सड़क किनारे ही फुटपाथ पर खड़े हो जाते है, पहले से ही छोटी पड़ती सड़कों पर भारी वाहनांे के गुजरने पर जाम लग जाते है।
शहर की मुख्य सड़क को या बाजार से तहसील चैराहे तक अथवा यहां से पीडब्लूडी तिराहे तक, परमानन्द से हमीरपुर चुंगी को जोड़ने वाली हर सड़क बढ़ते यात्री और वाहनों के दबाव में दम तोड़ रही है। जिसके चलते शहर की सभी सड़के दिन में अक्सर जाम की झंझट का शिकार होती है और नागरिकों को इससे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है यह तस्वीर उन्हीं परेशानियों को ब्यान कर रही है यह तहसील चैराहे से पीडब्लूडी तिराहे को जाने वाली सड़क है।
लगातार बिगड़ रहा है सड़कों का आकार-प्रकार, लग रहे जाम
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